कलेक्टर ने 71 बच्चों को शैक्षणिक सामग्री प्रदान कर नियमित स्कूल आने किया प्रोत्साहित
शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े, किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण - कलेक्टर
संपादक विकेश शुक्ला सत्यमत
मुंगेली / जिले के शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन मुंगेली द्वारा अभिनव पहल करते हुए आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कलेक्टर राहुल देव ने जिले के तीनों विकासखंड से चिन्हांकित 71 शाला त्यागी बच्चों को शैक्षणिक सामग्री जैसे बैग, कापी, स्केज पेन, ड्राइंग कापी, कम्पास बॉक्स, इरेजर, शार्पनर, पेंसिल, पेन, पानी बॉटल के साथ चॉकलेट प्रदान कर उन्हें नियमित रूप से स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और हमारी यह पहल बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने और उनकी शिक्षा यात्रा को सुगम बनाने के लिए की गई है। किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यदि जीवन में सम्मान पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से स्कूल में शिक्षा प्राप्त करना जरूरी है। आप व्यवसाय भी करना चाहते हो, तो उसके लिए भी पढ़ाई करना पड़ेगा। कलेक्टर ने बच्चों से चर्चा कर स्कूल नहीं आने का कारण पूछा। इस दौरान बच्चों ने अपनी-अपनी समस्याएं भी बताई।
कलेक्टर ने तीनों बीआरसी को शाला त्यागी बच्चों के घर जाकर उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और प्रधान पाठकों के माध्यम से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि हमारा उद्देश्य बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इन संसाधनों से वे अपनी पढ़ाई में और अधिक रुचि लेंगे। उन्होंने बच्चों के लिए स्कूलों में विशेष गतिविधि आयोजित करने के लिए कहा। इस अवसर पर समग्र शिक्षा के सहायक परियोजना अधिकारी अजयनाथ एवं आकाश परिहार सहित संबंधित अधिकारी, तीनों विकासखंड के बीआरसी अशोक यादव, सूर्यकांत उपाध्याय, देव प्रसाद उपाध्याय, हुमाना संस्था से प्रमोद दिवाकर, स्कूल के प्रधान पाठक और बच्चे मौजूद रहे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में शाला त्यागी बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की जा रही है।